दानव महिषासुर के वध से प्रसन्न और निर्भय हो गए देवताओं सहित त्रिदेवों ने प्रसन्न भगवती से ऐसे किसी उपाय की याचना की, जो सरल हो और कठिन से कठिन विपत्ति से छुड़ाने वाला हो।
उन्होंने कहा कि ‘हे देवी! यदि वह उपाय गोपनीय हो तब भी कृपा कर हमें कहें। तब उनलोगों के अनुरोध पर मां भवानी ने अपने ही बत्तीस नामों की माला के एक अद्भुत गोपनीय रहस्यमय और चमत्कारी जप का उपदेश दिया जिसके करने से घोर से घोर विपत्ति, राज्यभय आदि से ग्रस्त मनुष्य भी भयमुक्त एवं सुखी हो जाता है।
देहशुद्धि के बाद कुश या कम्बल के आसन पर बैठकर पूर्व या उत्तर की तरफ मुंह करके घी के दीपक के सामने इन नामों की 5/ 11/ 21 माला कम से कम दुर्गा पूजा के दौरान नौ दिन करनी है और जगत माता से अपनी मनोकामना पूर्ण करने की याचना करनी है।